शेयर बाजार एक ऐसी जगह है, जहां पर लोग अपना पैसा लगाकर ढेर सारा पैसा कमाना चाहते हैं। इसके लिए शेयरों को खरीदना और बेचना होता है। लेकिन, सिर्फ शेयर खरीदना और बेचना काफी नहीं है। जो निवेशक या ट्रेडर्स यह जान लेते हैं कि किस शेयर को कब खरीदना चाहिए और कब बेचना चाहिए, वही शेयर बाजार से जमकर मुनाफा कमाते हैं। दुनिया के सफल निवेशकों ने अपने अनुभव से, अपनी जानकारी से शेयर बाजार से मुनाफा कमाने के लिए कुछ तरीके तो निकाले हैं।
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शेयर कब खरीदें और कब बेचें:
शेयर बाजार में निवेश के लिए जरूरी तीनों अकाउंट बैंक सेविंग्स (savings a/c), ट्रेडिंग (trading a/c)और डीमैट (demat) अकाउंट खुलवाने के बाद सबसे पहला सवाल उठता है कि किस शेयर में पैसा लगाएं और कब।
सफल अरबपति निवेशक वॉरेन बफेट का कहना है कि शेयर तब खरीदें जब पूरा शेयर मार्केट डरा हुआ हो और शेयर उस समय बेचें जब पूरा बाजार लालच से भरा हो। हालांकि, जानकारों का मानना है कि शेयर बाजार में निवेश करने से पहले प्रोफेशनल ट्रेनिंग लेनी चाहिए यानी सीखकर ही शेयर खरीदने-बेचने का काम करना चाहिए, ना कि किसी की सलाह पर। किसी भी कंपनी का फंडामेंटल और टेक्निकल रिसर्च करके ही उसके शेयर खरीदने या बेचने का फैसला करें।
शेयरों में निवेश करने या बेचने से पहले आपको पता होना चाहिए कि कंपनी का बिजनेस कैसा चल रहा है, कंपनी का बिजनेस मॉडल क्या है, कंपनी पैसे कैसे कमाती है, कंपनी के मैनेजमेंट में किस तरह के लोग हैं, कंपनी ने कितना कर्ज लिया हुआ है, क्या वह उस कर्ज का भुगतान करने में सक्षम है, वह कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होने के बाद यानी कि आईपीओ (ipo)आने के बाद अब तक कितना रिटर्न्स अपने निवेशकों को दे चुकी है, उस कंपनी के पास क्या कंपटीशन एडवांटेज है जो उस सेक्टर की बाकी कंपनियों से उसे अलग बनाता है, भविष्य में उस कंपनी की क्या योजनाएं हैं आदि। आप जब इन सब सवालों के सही जवाब खोज लेते हैं तो यही फंडामेंटल रिसर्च कहलाता है।
कुछ निवेशक कंपनी के शेयर का चार्ट पैटर्न देखकर पता लगाते हैं कि शेयर अभी और मुनाफा देगा यानी महंगा होगा या फिर गिरेगा यानी नुकसान पहुंचाएगा। किसी शेयर का चार्ट पैटर्न देखकर उसका संभावित ट्रेंड पता करना टेक्निकल एनालिसिस कहलाता है। किसी शेयर के टेक्निकल एनालिसिस में अपट्रेंड, डाउनट्रेंड, इंडिकेटर, कैंडल स्टिक, मूविंग एवरेज, ट्रेंडलाइन आदि तरीके भी शामिल हैं।
आमतौर पर शेयर मार्केट में दो तरह के लोग होते हैं –ट्रेडर और इन्वेस्टर यानी निवेशक। टेक्निकल एनालिसिस करके शेयर खरीदने-बेचने वालों को ट्रेडर्स कहते हैं और फंडामेंटल एनालिसिस करके शेयर खरीदने-बेचने वालों को निवेशक कहते हैं। जानकारों का कहना है कि सही शेयर चुनने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस की मदद लें, जबकि उस शेयर को किस कीमत पर खरीदना है और किस कीमत पर बेचना है, इसके लिए टेक्निकल एनालिसिस की मदद लें।

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आप शेयर खरीदने-बेचने के लिए वैल्यू निवेश तरीके का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके तहत उन शेयरों में निवेश किया जाता है, जिनका बाजार मूल्य उनके आंतरिक मूल्य से कम होता है। यदि शेयर का आंतरिक मूल्य बाजार मूल्य से कम है, तो उस शेयर को वास्तविक कीमत से कम कीमत वाला माना जाता है और भविष्य में कीमत को ऊपर जाने की उम्मीद रहती है। सवाल है कि इन कंपनियों को पहचानेंगे कैसे।
इसके लिए कंपनी के आंतरिक मूल्य की गणना करना जरूरी है। आंतरिक मूल्य की गणना के लिए डिस्काउंटेड कैश फ्लो (discounted cash flow) विधि, वित्तीय अनुपात (financial ratio) का उपयोग करना और संपत्ति-आधारित मूल्यांकन तरीके (asset-based valuation की मदद ली जाती है।
कंपनी के क्वार्टरली और वार्षिक वित्तीय नतीजे देखकर भी किसी शेयर को खरीद या बेच सकते हैं। कंपनी हर तीन महीने पर अपने तिमाही नतीजे और साल भर बाद वार्षिक नतीजे की घोषणा करती है। नतीजे में कंपनी का प्रॉफिट और लॉस, फाइनेंशियल स्टेटमेंट, कैश फ्लो स्टेटमेंट देखकर उस कंपनी के शेयर के बारे में आप अपनी राय बना सकते हैं।
अच्छी कंपनियों के आईपीओ यानी इनिशियल पब्लिक आफरिंग (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) में पैसा लगाकर उसे लिस्टिंग के समय बेचकर भी अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। शेयर बाजार में तेजी-मंदी के दौर का समझदारीपूर्वक इस्तेमाल करके बहुत सारा पैसा कमा सकते हैं। ज्यादातर लोग तेजी में शेयर खरीदते जाते हैं और मंदी यानी बाजार में गिरावट आने पर घबराहट में शेयर बेच देते हैं। लेकिन, वॉरेन बफेट की मानें तो शेयर बाजार में तेजी हो तो शेयर बेचकर मुनाफा कमाएं और जब गिरावट हो तो सस्ते कीमत पर अच्छे शेयर खरीदकर उसे अपने पोर्टफोलियो (portfolio) में शामिल करें।
शेयर बेचने के संबंध में एक सवाल मन में उठता है कि जब आपके शेयर की कीमत लगातार बढ़ रही हो और शेयर भी काफी अच्छा हो, तो क्या उसे बेचकर मुनाफा वसूल कर लेना चाहिए या फिर उसमें निवेशित रहना चाहिए?
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इसके जवाब में जानकारों का कहना है कि यह आप पर निर्भर करता है। उनका कहना है कि अगर पैसों की जरूरत हो तभी उसे बेचकर मुनाफा कमाएं, लेकिन जरूरत नहीं हो तो उसमें पैसा लगा रहने दें। कई अच्छे शेयर अपने निवेशकों को डिविडेंड भी देते हैं, जो कि नियमित आय (regular income) का एक जरिया बन जाता है।
अगर आपको लग रहा है कि आपके पास रखा शेयर काफी रिटर्न दे चुका है, ऑल टाईम हाई भी बना चुका है, तो आप उसमें से मूल निवेश या कुछ हिस्सा बेचकर बाकी में निवेशित रहें। जैसे, मान लिया आपने किसी कंपनी के 500 शेयर खरीद रखे हैं, तो अच्छा खासा मुनाफा होने के बाद उनमें से आप 250 शेयर को बेचकर बाकी बचे शेयर में भविष्य के लिए निवेशित रह सकते हैं।
उम्मीद है कि शेयर खरीदने-बेचने की टाइमिंग को लेकर आपका कंफ्यूजन दूर हो गया होगा। ध्यान रहे शेयर बाजार जोखिम भरा है, सोच-समझकर पैसा लगाएं।
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