1. Home
  2. /
  3. Investing
  4. /
  5. Hindi
  6. /
  7. मल्टीबैगर स्टॉक्स क्या होते...

मल्टीबैगर स्टॉक्स क्या होते हैं? ऐसे शेयरों को कैसे पहचानें?

  1. Home
  2. »
  3. Hindi
  4. »
  5. मल्टीबैगर स्टॉक्स क्या होते हैं?…
Multibagger Stock
5
(1)

माना जाता है कि शेयर बाजार निवेश पर साल भर में औसतन 12-13 प्रतिशत रिटर्न देता है। कल्पना कीजिए, जिस शेयर में आपने पैसा लगाया, उसने साल भर में या दो साल में 100 प्रतिशत या 500 प्रतिशत या 1000 प्रतिशत या उससे भी ज्यादा का रिटर्न दे, तो आप क्या कहेंगे। भला ऐसा स्टॉक कौन नहीं चाहेगा।

दरअसल, इस तरह के स्टॉक्स को, जो कि अपेक्षाकृत कम समय में निवेश पर कई कई गुना रिटर्न देते हैं, मल्टीबैगर स्टॉक्स कहलाते हैं। मल्टीबगैर स्टॉक्स की चर्चा सबसे पहले पीटर लिंच ने अपनी पुस्तक ‘वन अप ऑन वॉलस्ट्रीट’ में की थी। सवाल है कि ऐसे स्टॉक्स को पहचानेंगे कैसे?

भारत के कुछ मल्टीबैगर स्टॉक्स:

ग्रीन एनर्जी पर फोकस बढ़ने के बीच सनएडिशन इंफ्रास्ट्रक्चर (Sunedison Infrastructure) ने 13 अक्टूबर 2022 को समाप्त हुए साढ़े तीन साल में अपने निवेशकों को करीब 7500 प्रतिशत का रिटर्न दिया। इस दौरान कंपनी के शेयर की कीमत 5.82 रुपए से 440.00 रुपए प्रति शेयर पर पहुंच गई।

वहीं, कजारिया सेरेमिक्स (Kajaria Ceramics) ने 23 साल में अपने निवेशकों को करीब 34,930 प्रतिशत का तगड़ा रिटर्न दिया है। 1 जनवरी 1999 को एनएसई पर जब पहली बार कजारिया सेरेमिक्स के शेयरों में कारोबार शुरू हुआ था, तब इसका भाव महज 3.40 रुपये था, जबकि 18 जनवरी 2022 को यह 1379 रुपए प्रति शेयर पर पहुंच गया।  

महज तीन महीने में 30 जून 2022 से 26 सितंबर 2022 के दौरान मल्टीबैगर रिटर्न देने वाले स्टॉक्स हैं, बड़ौदा  रेयॉन कॉर्पोरेशन (1561 प्रतिशत), अंबर प्रोटीन इंडस्ट्रीज (1284 प्रतिशत), रीजेंसी सेरेमिक्स (950 प्रतिशत), डीप डायमंड इंडिया (594 प्रतिशत)।

मल्टीबैगर स्टॉक्स कैसे पहचानें?

हर निवेशक एक या ज्यादा मल्टीबैगर स्टॉक में पैसा लगाकर कम समय में ही ढेर सारा पैसा कमाना चाहता है। लेकिन, मल्टीबैगर स्टॉक्स पता करना आसान नहीं होता है। इसके लिए शेयर बाजार की पूरी जानकारी होनी चाहिए। कंपनियों को लेकर तगड़ा रिसर्च होना चाहिए। आप नीचे दिए गए लक्षणों के आधार पर मल्टीबैगर स्टॉक्स की पहचान कर उसे अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं।  

1) ग्रोथ की अच्छी संभावना और कम पीई रेश्यो वाला शेयर: किसी शेयर का पीई यानी प्राइस/अर्निंग रेश्यो से पता चलता है कि वह शेयर कितना सस्ता है या महंगा। पीई जितना ज्यादा होता है, शेयर उतना ही महंगा माना जाता है। हालांकि, यह भी ध्यान में रखना होगा कि जिन कंपनियों में ग्रोथ की अच्छी उम्मीद होती है, उसका पीई आमतौर पर अधिक होता है। इसलिये पीई को कंपनी की लंबे समय की उम्मीदों और वित्तीय मजबूती को ध्यान में रखकर देखना चाहिए। यदि आप किसी ऐसी कंपनी की तलाश में कामयाब हो जाते हैं, जिसका पीई कम है लेकिन ग्रोथ की काफी संभावना है, तो उसमें निवेश धांसू मुनाफा दे सकता है।

2) कंपनी पर कर्ज: काफी ज्यादा कर्ज लेने वाली कंपनियों के शेयर का मल्टीबैगर बनना आसान नहीं होता है। हालांकि, कंपनी पर अगर कोई कर्ज नहीं है और नकदी की स्थिति भी मजबूत है, तो उसमें पैसा लगाना अच्छा माना जाता है। ऐसी कंपनी अपने कारोबार का विस्तार आसानी से कर सकती है और कर्ज का बोझ नहीं होने के कारण उसकी बैलेंस शीट और लाभप्रदता बहुत अच्छी रहती है।

3) मजबूत छोटी कंपनी: कारोबारी और वित्तीय रूप से मजबूत छोटी कंपनियों को मल्टीबैगर होने की उम्मीद ज्यादा रहती है। ऐसी कंपनियों की बाजार हिस्सेदारी शुरू में भले ही 4-5 प्रतिशत हो, लेकिन उसके शेयर की कीमत एक 40-50 प्रतिशत मार्केट शेयर वाली कंपनी के मुकाबले कई गुना बढ़ने की संभावना अधिक रहती है।

ऐसा क्यों माना जाता है, इसकी भी वजह है। दरअसल, पहले से ही जिस कंपनी का बाजार में दबदबा है, उसके सही वैल्युएशन का अंदाजा तो सभी को रहता है, यानी उसके शेयर की प्राइस डिस्कवरी पहले ही हो चुकी है। ऐसे में उसमें और कई गुना उछाल की उम्मीद कम रहती है। मल्टीबैगर को पहचानने की काबिलियत तभी है,  जब ज्यादातर लोगों की नजर उस कंपनी पर नहीं पड़ी हो। तभी तो उस कंपनी  का शेयर आपको ऐसी कीमत पर मिलेगा, जो कुछ ही समय में कई गुना रिटर्न देगा।

4) शानदार प्रदर्शन वाले ग्रुप का नया उद्यम: अच्छी बैलेंस शीट और मजबूत वित्तीय स्थिति वाली पुरानी कंपनी या ग्रुप का नया उद्यम भी मल्टीबैगर बनने की उम्मीद लिए हुआ होता है। पैरेंट कंपनी या ग्रुप के मजबूत समर्थन से ऐसे उद्यम की कामयाबी की संभावना बढ़ जाती है। इससे भविष्य में ऐसे उद्यम के शेयर की प्राइस डिस्कवरी का फायदा मिल सकता है।

5) बेहतरीन प्रबंधन वाली कंपनी: मल्टीबैगर शेयरों की तलाश करते समय कंपनी के प्रबंधन की खुबियां भी जरूर देखें। जिन कंपनियों को चलाने वालों में उस कंपनी का मालिक शामिल रहता है, उसकी कामयाबी की उम्मीद ज्यादा रहती है। टाटा ग्रुप, विप्रो, बजाज फाइनेंस, रिलायंस इंडस्ट्रीज और डाबर बेहतरीन प्रबंधन वाली कंपनी के कुछ उदाहरण हैं।

6) दबदबा वाली कंपनी: अगर किसी कंपनी का दबदबा है या फिर किसी खास बात की वजह से प्रतिस्पर्धा में आगे रहने की उसकी संभावना है, तो उसे मल्टीबैगर बनने  की उम्मीद ज्यादा रहती है। उदाहरण के तौर पर अगर किसी कंपनी के पास कोई ऐसा पेटेंट या खास तकनीक है, जो उसके सेक्टर की किसी दूसरी कंपनी के पास नहीं है, तो इससे उसके पास एक अनोखा कंपटीटिव एडवांटेज आ जाता है।

7)  कंपनी के कारोबार के बारे में जानें: किसी मल्टीबैगर शेयर की तलाश करते समय उस कंपनी के कारोबार को जांच-परख लें। इस मामले में अरबपति निवेशक वॉरेन बफेट की एक सीख याद रखनी चाहिए। वे कहते हैं कि कामयाब निवेशक को कारोबार में पैसे लगाने चाहिए, शेयर में नहीं। कहने का मतलब है कि जिस कंपनी का कारोबार कामयाब होगा, उसके शेयर को भी देर-सबेर कामयाब होना ही है।

आप अक्सर देखते होंगे कि जब किसी भी कंपनी के बारे में कोई खबर आती है, तो उसके शेयर की कीमत काफी ऊपर-नीचे होती है। कंपनी के तिमाही और सालाना वित्तीय नतीजे पर नजर रखें। वित्तीय नतीजे में सेल्स, रेवेन्यू, प्रॉफिट, भविष्य में प्रदर्शन के अनुमान, नए निवेश से जुड़ी बातों पर खास ध्यान दें। इसके अलावा, कंपनी कौन कौन से प्रोडक्ट बेचती है, सबसे ज्यादा मार्जिन किस प्रोडक्ट में होता है, कौन सा प्रोडक्ट उस इंडस्ट्री में नंबर वन है, सरकार की कौन-कौन सी नीतियां कंपनी पर असर डाल सकती है, कंपनी का उसके कंपीटीटर्स के मुकाबले ग्रोथ कैसी है, जैसी बातों के बारे में पहले जान लेना चाहिए। 

How useful was this post?

Click on a star to rate it!

Average rating 5 / 5. Vote count: 1

No votes so far! Be the first to rate this post.

+ posts
Share on:

Want A Personalized Portfolio of 20-25 Potential High Growth Stocks?

*T&C Apply

Chat with us